Today we are discussing Narayan Nagbali Pooja Benefits. Naryan Nagbali Pooja is done to remove the Pitru dosha & to get relieved from the sin of killing the snake. To perform the ritual of Naryan Nagbali Pooja at Trimbakeshwar, one has to contact the Tamrapatradhari Panditji (Guruji), who is also known as Tirtha Purohit. This Pooja is performed at the Ahilya Godavari Temple & Sati Mahashmashan situated next to the east entrance of the Trimbakeshwar Jyotirlinga Temple. This Pooja or ritual is a combination of two separate pooja called Narayan Bali Pooja & Nagbali Puja. As the exact cause of the death is unknown, hence both the Pooja gets combined to form a single Pooja.
त्रिपिंडी श्राद्ध पूजा श्री त्र्यंबकेश्वर नगरी में की जानेवाली एक महत्वपूर्ण पूजा है। त्रिपिंडी श्राद्ध का मतलब है तीन पीढ़ियों के पूर्वजों का विधिवत रूप से किया जानेवाला श्राद्ध है। इन तीन पीढ़ियों में पितृवंश, मातृवंश, गुरुवंश या ससुराल के वंश से कोई व्यक्ति का विधि-विधान से श्राद्ध नहीं हुआ है तो उन्हें त्रिपिंडी श्राद्ध पूजा से मोक्ष प्राप्त होता है।
नारायण नागबली पूजा त्र्यंबकेश्वर में की जाने वाली महत्वपूर्ण पूजाओं में से एक शांति पूजा है, जो पित्रों की आत्मा की शांति के लिए की जाती है। नारायण नागबली पूजा दो पूजाओं का एकत्रित रूप है जिसमें नारायणबली पूजा एवं नागबली पूजा सम्मिलित है। नारायण नागबली पूजा का मुख्य उद्देश्य है पितृ दोष से मुक्ति दिलवाना। जब किसी व्यक्ति के परिवार में कोई व्यक्ति की आगे दी गए कारणों से मृत्यु होती है तो उसकी आत्मा को शांति नहीं मिलती; जैसे
कालसर्प दोष पूजा त्र्यंबकेश्वर में होने वाली अति महत्वपूर्ण पूजा में से एक पूजा है। त्र्यंबकेश्वर क्षेत्र नासिक (महाराष्ट्र) से २८ किमी अंतर पर स्थित है। १२ ज्योतिर्लिंग में त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग अतिपवित्र माना जाता है, क्युकी यहाँ ब्रह्मा-विष्णु-महेश का एकत्रित स्वरूप विराजमान है। सभी कष्टों से मुक्त करने हेतु गंगा माता का यहाँ उगम हुआ है। इसीलिए त्र्यंबकेश्वर मंदिर में पूजा करने से आपको अनेक लाभ मिलते है।
Mahashivratri 2022 is approaching, and here is the blog regarding Mahashivratri, which covers various topics like as Significance of Mahashivratri, Beliefs related to Mahashivratri, How the Mahashivratri festival is celebrated at various shiva places, about fast, etc. Next year Mahashivratri falls on 1st March 2022, and it is the most significant festival in the Indian spiritual calendar.